Laws of Reflection of Light Class 10

Definition Of Reflection Of Light

जब प्रकाश किसी चिकने तल पर आपतित होता है तो यह चिकने तल से टकराकर पुनः उसी माध्यम में वापस लौट जाता है। प्रकाश में होने वाली इसी घटना को प्रकाश का परावर्तन (Definition of Reflection Of Light)  कहते हैं।

Laws Of Reflection Of Light | प्रकाश का परावर्तन का नियम
Laws Of Reflection Of Light | प्रकाश का परावर्तन का नियम

Laws Of Reflection Of Light (प्रकाश के परावर्तन के नियम)

प्रकाश का परावर्तन संबंधित 2 नियम होते हैं जोकि निम्नलिखित है-

  1. आपतित किरण  , परावर्तित किरण तथा अभिलंब तीनों एक ही तल में स्थित होते हैं।
  2. आपतन कोण तथा परावर्तन कोण सदैव आपस में बराबर होते हैं।

Note:-

  • आपतन कोण को i से निरूपित करते हैं।
  • परावर्तन कोण को r से निरूपित करते हैं।

Image (प्रतिबिंब)

किसी बिंदु से चलने वाली प्रकाश किरण परावर्तन या अपवर्तन के पश्चात जिस बिंदु पर मिलती हैं या मिलती हुई प्रतीत होती हैं उस बिंदु को पहले वाले बिंदु का प्रतिबिंब कहते हैं।

Spherical Mirror (गोलीय दर्पण)

गोलीय दर्पण किसी पारदर्शी माध्यम के खोखले गोले का एक कटा हुआ भाग होता है जिसके एक प्रष्ठ पर पॉलिश या कलाई कर देते हैं गोलीय दर्पण दो प्रकार का होता है –

Concave Mirror (अवतल दर्पण)

concave mirror (अवतल दर्पण) | Laws Of Reflection Of Light | प्रकाश का परावर्तन का नियम
concave mirror (अवतल दर्पण) | Laws Of Reflection Of Light | प्रकाश का परावर्तन का नियम

 

अवतल दर्पण वह गोलीय दर्पण होता है जिसके उभरे हुए भाग पर पॉलिश किया होता है और धंसे हुए भाग से परावर्तन होता है।

Convex mirror (उत्तल दर्पण)

convex mirror (उत्तल दर्पण) | Laws Of Reflection Of Light | प्रकाश का परावर्तन का नियम
convex mirror ( उत्तल दर्पण‌ ) | Laws Of Reflection Of Light | प्रकाश का परावर्तन का नियम

उत्तल दर्पण गोलीय दर्पण होता है जिसके धसे हुए भाग पर पालीस किया होता है और उभरे हुए भाग से प्रकाश का परावर्तन होता है।

Centre of curvature

Principal axis

गोलीय दर्पण के ध्रुव तथा वक्रता केंद्र से जाने वाली रेखा को मुख्य अक्ष कहते हैं।

Note:-

  • गोलीय दर्पण के ध्रुव को Pole भी कहते हैं और P से निरूपित करते हैं।
  •  गोलीय दर्पण की वक्रता केंद्र को C से प्रदर्शित करते हैं।

दर्पण का द्वारक

गोलीय दर्पण के परावर्तक तल के व्यास को दर्पण का द्वारा कहते हैं।

मुख्य फोकस

मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली किरणें परावर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के जिस बिंदु से गुजरती हैं या जिस बिंदु से गुजरती हुई प्रतीत होती है उसे मुख्य फोकस कहते हैं।

Note:-

  • Pole तथा फोकस बिंदु के बीच की दूरी को फोकस दूरी कहते है।
  • दर्पण का परावर्तक तल सदैव बाई तरफ होना चाहिए।
  • यदि हम दर्पण के ध्रुव को मूल बिंदु पर माने तो मूल बिंदु से बाएं तरफ की सभी दूरियां = – ve
  • मूल बिंदु से दाएं तरफ की सभी दूरियां = + ve
  • मुख्य अक्ष के ऊपर की सभी दूरियां = + ve
  • मुख्य अक्ष के नीचे की सभी दूरियां = – ve

रेखीय आवर्धन क्षमता

दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब की लंबाई (I) तथा वस्तु की लंबाई (O) के अनुपात को रेखीय आवर्धन क्षमता कहते हैं। इसे m से प्रदर्शित करते हैं।

Note :-

  • यहां पर गोलीय दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की लंबाई को I से निरूपित किया गया है।
  • और वस्तु की लंबाई को O से निरूपित किया गया है।

प्रकाश का अपवर्तन

अपवर्तन के नियम

  • आपके तो किरण कमा अपवर्तक किरण तथा अभिलंब तीनों एक ही तल में स्थित होते हैं।
  • स्नेल का नियम

स्नेल का नियम

स्नेल के नियम के अनुसार – आपतन कोण की ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) का अनुपात एक नियतांक होता है और यह नियतांक दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष के अपवर्तनांक के बराबर होता है।

क्रांतिक कोण

जब प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जा रहा हो तो सघन माध्यम में बना वह आपतन कोण जिसके संगत विरल माध्यम में बना अपवर्तन कोण का मान 90 डिग्री होता है , को क्रांतिक कोण कहते हैं।

Total Internal Reflection (पूर्ण आंतरिक परावर्तन)

यदि सघन माध्यम में बना आपतन कोण क्रांतिक कोण से अधिक हो जाता है तो प्रकाश किरण विरल माध्यम में अपवर्तित ना हो करके सघन माध्यम में ही परावर्तन के नियम का पालन करते हुए वापस लौट जाती है। प्रकाश की इसी घटना को ही पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं।

Condition For Total Internal Reflection

  1. जब प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जा रही हो।
  2. आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक हो।

 

 

पूर्ण आंतरिक परावर्तन की शर्तें

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