न्यूटन का पहला नियम क्या है , Newton Ka Pahla Niyam Kya Hai , PDF Download (2023)

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न्यूटन का पहला नियम क्या है ( Newton Ka Pahla Niyam Kya Hai ) इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है जिसके द्वारा आप अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है।

Some Introduction of Newton Sir

Newton का पूरा नाम आइज़ैक न्यूटन (Isaac Newton) था जोकि इंग्लैंड के एक महान वैज्ञानिक थे। Newton सर ने एक प्रिन्सिपिया (Principia) नामक महान ग्रंथ की रचना की। Principia का प्रकाशन 5 जुलाई 1687 में हुआ। Principia ग्रंथ को लैटिन भाषा में Newton सर द्वारा लिखा गया था।

‘फिलासफी नेचुरालिस् प्रिंसिपिया मैथेमैटिका’ (Philosophiæ Naturalis Principia Mathematica ) को संक्षिप में प्रिन्सिपिया (Principia) भी कहते है। इस ग्रन्थ में ही न्यूटन के गति के नियम, न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम और केप्लर के ग्रहीय गति के नियमों की उत्पत्ति ज़िक्र किया गया है। अर्थात् Principia में ही इन तीनों नियमों वर्णन है।

Newton Ka Pahla Niyam Kya Hai या न्यूटन का पहला नियम क्या है

Newton Ka Pahla Niyam Kya Hai , न्यूटन का पहला नियम क्या है
Newton Ka Pahla Niyam Kya Hai , न्यूटन का पहला नियम क्या है

न्यूटन का पहला नियम (Newton Ka Pahla Niyam ) कहता है कि- यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगी और यदि सीधी रेखा में गति कर रही है तो वह सीधी रेखा में ही गति करती रहेगी जब तक उस पर बाह्य बल (External Force) कार्य न करें।

न्यूटन का पहला नियम के उदाहरण (Newton Ka Pahla Niyam Kya Hai – Example)

1. बस के अचानक चल देने से या अचानक रूक जाने से बस में बैठे यात्रियो को झटका लगना –

जब बस अचानक चल पड़ती है तो बस में बैठे हुए यात्री के शरीर का निचला भाग बस के सम्पर्क में होने के कारण बस के साथ गतिमान हो जाता है। परन्तु बस में बैठे हुए यात्री के शरीर का ऊपरी भाग विराम के जड़त्व के कारण विरामावस्था में ही रहता है। अब मजे की बात यह की यात्री का निचला भाग गतिमान तथा ऊपरी भाग विरामावस्था में है जिसके कारण यात्री के शरीर के ऊपरी भाग को पीछे की ओर झटका लगता है।

इसी प्रकार जब चलती बस अचानक से रूक जाती है तो बस में बैठे हुए यात्री के शरीर का निचला भाग बस के सम्पर्क में होने के कारण बस के साथ रूक जाता है। बस में बैठे हुए यात्री के शरीर का ऊपरी भाग गति के जड़त्व के कारण गति की अवस्था में ही रहता है। इसी कारण से बस में बैठे हुए यात्री को आगे की ओर झटका लगता है।

2. किसी दरी को छ्ड़ से झाड़ने पर दरी से धूल के कण अलग होने लगते हैं –

इसका कारण यह है कि जब हम किसी दरी को छ्ड़ से झाड़ने है तो दरी गतिक अवस्था में आ जाती है लेकिन धूल के कण अपनी पूर्वावस्था (विरामावस्था) में ही रहते हैं , अतः दरी से अलग हो जाते है।

3.जब हम फलों के वृक्ष को झटके से हिलते हैं तो फल वृक्ष से टूटकर नीचे गिर जाते हैं –

जब हम वृक्ष को झटके से हिलते हैं तो वृक्ष की शाखाएं गति अवस्था में आ जाती हैं क्योंकि व्यक्ति वृक्ष की शाखा को ही झटके से हिलता है लेकिन फल जो वृक्ष की शाखा से लगा हुआ है वह विराम के जड़त्व के कारण वहीं रह जाता है। अर्थात् फल शाखा से टूटकर नीचे गिर जाता है।

4. बंदूक की गोली कांच की खिड़की पर फायर करने से एक छिद्र बनाती हुई निकल जाती है जबकि कोई पत्थर पूरी खिड़की के कांच को तोड़ देता है –

इसका मुख्य कारण यह है कि बंदूक की गोली का वेग पत्थर के वेग की अपेक्षा अधिक होता है। बंदूक की गोली का खिड़की के कांच के साथ संपर्क अत्यंत कम समय के लिए होता है। अतः गोली कांच की खिड़की में छिद्र बनाकर निकल जाती है। इसके विपरीत पत्थर का खिड़की के कांच के साथ संपर्क समय अधिक होता है। जिसकी वजह से गति पूरी खिड़की के कांच में संचरित हो जाती है। इस प्रकार पूरी खिड़की का कांच टूट जाता है। नीचे एक चित्र दिया गया है जिसके द्वारा इस कांसेप्ट को समझना आसान हो जाएगा।

जड़त्व (Inertia)

जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है जिसके द्वारा वस्तु अपने स्थिति में होने वाले किसी भी परिवर्तन का विरोध करता है।

रेखीय गति में जड़त्वता का मापन वस्तु के द्रव्यमान से मापा जाता है। जिस वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होता है उस वस्तु का उतना ही जड़त्वता का गुण अधिक होता है।

जड़त्व तीन प्रकार का होता है –

  1. विराम का जड़त्व
  2. गति का जड़त्व
  3. दिशा का जड़त्व
1.विराम का जड़त्व

यदि कोई वस्तु विराम की अवस्था में होती है तो वह स्वयं अपने अवस्था में परिवर्तन नहीं कर सकती है। वस्तु के इस गुण को ही विराम का जड़त्वता कहते है।

  1. Example
    1. बस के अचानक चलने से उसमें खड़ा आदमी पीछे की ओर झुक जाता है।
    2. कम्बल को तेजी से झटकने पर धूल के कण अलग हो जाते हैं।
    3. खिड़की के शीशे में बंदूक की गोली मारने पर खिड़की में छेद हो जाता है जबकि पत्थर मारने पर शीशा चितक जाता है।
2. गति का जड़त्व

यदि कोई वस्तु गतिमान है तो वह एक सीधी रेखा में गतिमान रहना चाहती है। वस्तु स्वयं अपनी स्थिति में परिवर्तन नहीं कर सकती है इसे ही गति का जड़त्व कहते हैं।

  1. Example
    1. चलती गाड़ी के अचानक रुकने पर यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं।
    2. चलती गाड़ी  से अचानक उतर जानें पर यात्री आगे की ओर गिर जाता है।
    3. एक समान वेग से चलती रेलगाड़ी में ऊपर उछाली गई गेंद उसके हाथ में लौट आती है।
3. दिशा का जड़त्व

यदि कोई वस्तु एक समान चाल से गतिमान है तो वस्तु एक सीधी रेखा में ही गति करती रहेगी। वस्तु स्वयं अपनी गति की दिशा को परिवर्तित नहीं कर सकती , वस्तु के इस गुण को ही दिशा का जड़त्व कहते हैं।

Example

  1. यदि गतिमान वस्तु बायीं तरफ़ मुड़ती है तो उसमें बैठे आदमी दायीं तरफ झुक जाते हैं।

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11 वीं कक्षा के अनुसार बल क्या है?

बल वह कारक है जिसके द्वारा किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन किया जाता है अथवा परिवर्तन करने का प्रयास किया जाता है।
Note:-
बल एक सदिश राशि है।
बल का मात्रक न्यूटन होता है।

बल की इकाई का नाम क्या है?

S.I system में बल की इकाई न्यूटन होती है।

बल का विमीय सूत्र क्या है?

बल का विमीय सूत्र निकालने के लिए हमें बल का सूत्र पता होना चाहिए।
बल (F) = ma
बल का विमीय सूत्र = [M]×[LT`²]
= [MLT
`²]

प्रकृति में सबसे प्रबल बल कौन सा होता है?

प्रकृति में सबसे प्रबल बल नाभिकीय बल होता है।

संवेग किसे कहते हैं इसका मात्रक लिखिए

किसी गतिमान वस्तु के द्रव्यमान एवं वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं। संवेग एक सदिश राशि है। संवेग की दिशा वस्तु के वेग के अनुदिश होती है।
P = mv
Where, P = संवेग (Momentum)
m = वस्तु का द्रव्यमान (Mass of Body)
v = वेग (velocity)
संवेग का मात्रक = kg-m/sec
संवेग का विमीय सूत्र = [MLT`1]

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