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न्यूटन का तीसरा नियम , Newton Ka Teesra Niyam Kya Hai
न्यूटन के तृतीय नियम के अनुसार – प्रत्येक क्रिया के सदैव बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। अर्थात् एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल किन्तु विपरीत दिशा में आरोपित करती है।
यदि वस्तु B वस्तु A पर बल आरोपित करती है (FAB ) तो वस्तु A भी वस्तु B पर बल आरोपित करती है।(FBA) अर्थात् यह क्रिया प्रतिक्रिया के नियम का पालन करती है।
न्यूटन गति के तीसरे नियम पर आधारित उदाहरण ( Example of Newton Ka Teesra Niyam )
- जब हम किसी दीवार को हाथ से बल लगाकर दबाते हैं अर्थात यह हमारी क्रिया (action ) हुई तो दीवार विपरीत दिशा में उतना ही बल हाथ पर लगाती है अर्थात यह क्रिया की प्रतिक्रिया (reaction) हुई।
- जब कोई तैरने वाला अर्थात् तैराक व्यक्ति नदी में तैरता है तो वह व्यक्ति अपने हाथों के द्वारा जल को पीछे की ओर धकेलता है (क्रिया action) । तो जल भी उस व्यक्ति पर आगे की ओर प्रतिक्रिया के रूप में बल लगाता है। जिससे तैरने वाले व्यक्ति अर्थात् तैराक को आगे की ओर गति मिलती है।
- जब बंदूक से गोली दागी जाती है तो बंदूक गोली पर आगे ओर बल लगती है। (क्रिया Action) अतः गोली भी बंदूक पर पीछे की ओर बल लगाती है।(प्रतिक्रिया reaction) इसी कारण से बंदूक चलाने वाले व्यक्ति को गोली दागने के बाद पीछे की ओर झटका लगता है।
- रॉकेट में पिछले भाग से पीछे की ओर गैस बहुत अधिक वेग से बाहर निकलती है। (क्रिया Action) यह गैस रॉकेट पर विपरीत दिशा में अर्थात आगे की ओर बल लगाती है।(प्रतिक्रिया reaction) क्रिया प्रतिक्रिया के सिद्धांत पर ही रॉकेट आगे की ओर गति करता है।
- जब कोई व्यक्ति भूमि पर चलता है। तो व्यक्ति तिर्यक बल की सहायता से पैर के पंजों के माध्यम से पृथ्वी को पीछे की ओर दबाता है(क्रिया action) पृथ्वी भी उतना ही बल प्रतिक्रिया के रूप में विपरीत दिशा में लगती है। इस प्रतिक्रिया बल के दो घटक होते हैं- 1 क्षैतिज घटक , 2 ऊर्ध्वाधर घटक। क्षैतिज घटक व्यक्ति को आगे बढ़ने में सहायता प्रदान करता है और ऊर्ध्वाधर घटक व्यक्ति के भार को संतुलित करने का कार्य करता है।