जिस काव्य , कविता या पंक्ति में किसी वस्तु या व्यक्ति (उपमेय की ) किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति से (उपमान से) समान गुणधर्म आदि के आधार पर समानता बताई जाए तो वहां पर उपमा अलंकार होता है। उपमा अलंकार के चार अंग होते हैं-
- उपमेय
- उपमान
- समान धर्म
- वाचक शब्द
उदाहरण:-
मुख मयंक सम मंजु मनोहर।।